जमशेदपुर : कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

विधानसभा झारखंड सरकार के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. विधानसभा में हुई नियुक्तियों में अनियमितता की जाँच के लिए गठित जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट में आलमगीर आलम समेत अन्य को अनियमितता का दोषी पाया गया है.

जमशेदपुर : कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम

Jamshedpur :   झारखंड सरकार के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. विधानसभा में हुई नियुक्तियों में अनियमितता की जाँच के लिए गठित जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट में आलमगीर आलम समेत अन्य को अनियमितता का दोषी पाया गया है. उक्त रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल होते ही झारखंड सरकार की अस्थिरता का दौर भी आरम्भ हो जाएगा. हाई कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल होते ही झारखंड सरकार आलमगीर आलम के विरूद्ध कार्रवाई शुरू करने के लिए बाध्य हो जाएगी. अन्यथा संभव है कि स्वतंत्र उच्चस्तरीय आपराधिक जांच का सामना इन्हें करना पड़े. जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं, 120 (ए), 166, 167, 196, 464 के तहत जिन दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा की है, उनमें विधानसभा के वर्तमान प्रभारी सचिव के साथ ही पूर्व विस अध्यक्ष एवं वर्तमान संसदीय कार्य मंत्री भी शामिल हैं.

सरयू राय ने किया था घोटाले का खुलासा

विधानसभा नियुक्तियों में गड़बड़ घोटाला का खुलासा 11 सितंबर 2007 को विधायक सरयू राय न बोकारो में किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सबूत की सीडी उनके पास है. 12 सितंबर 2007 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम ने सीडी एवं अन्य साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए उन्हें पत्र लिखा था. 13 सितंबर 2007 को कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने नियुक्ति घोटाला से संबंधित सीडी सार्वजनिक करने की मांग विधायक सरयू राय से की. तब उन्होंने उक्त सीडी को सार्वजनिक कर दिया. जांच के लिए राधाकृष्ण किशोर के सभापतित्व में विधानसभा की समिति बनी. वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो भी जांच समिति के सदस्य थे. समिति ने जाँच प्रतिवेदन में घोटाले की जांच स्वतंत्र जांच समिति से कराने का मंतव्य दिया. जिसके बाद जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने इसकी जांच की. आयोग का जांच प्रतिवेदन 2018 में आने की जानकारी सभी को है.

झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में लिया संज्ञान

हाईकोर्ट ने जस्टिस विक्रमादित्य आयोग का प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने विधानसभा सचिव से अगले माह रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए कहा है. दूसरी इस मामले में हाई कोर्ट के सख्त रुख अख्तियार करने पर विधायक सरयू राय जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की अनुशंसा के बिन्दुओं को सार्वजनिक किया.