12 वर्ष की पूरी सबर को बाल श्रम से मुक्ति मिली

12 वर्ष की पूरी सबर को बाल श्रम से मुक्ति मिली
बाल श्रम से मुक्त करायी गई पूरी सबर

जमशेदपुर : पोटका प्रखंड के टांगराईन गांव में दबंगों के घरों में काम करके अपनी माता का भरण पोषण करती की आदिम जनजाति की 12 साल की पूरी सबर को टांगराईन उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविन्द तिवारी की कड़ी कोशिश से पूरे सबर को बालश्रम से मुक्ति मिली। अरविंद तिवारी सबर सभी स्कूलों में व्यापक रूप से देखता है। उल्लेखनीय है 
टांगराईन स्कूल के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी लगातार प्रयास कर रहे हैं आदिम त्रुटियों के बच्चों को स्कूल से जोड़ने का काम कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को 12 साल की लड़की को पूरे सबर को बालश्रम से मुक्त लेख दिया। 12 साल की तरह एक बार भी स्कूल नहीं गया है। उसके बारे में अभी जानकारी पर प्रधानाध्यापक उसे किसी तरह समझा-बुजाकर स्कूल देखें। लेकिन बच्ची शर्म और डर से स्कूल नहीं जाना चाहती थी।दूसरे दिन बुधवार को भी लगातार संपूर्ण विद्यालय लाया गया। आदिम जनजाति सबर लड़कियों को नए कपड़े और चप्पल प्रधानाध्यापक ने खरीद कर दिए। 2 महीने के अंदर ही प्रधानाध्यापक ने छह सबर बच्चों को भी बालश्रम से मुक्त करकर विद्यालय से जोड़ा है। पूरे सबर के पिता की मौत 2 महीने पहले नहर में डूबने से हो गई थी। सहज हो कि आदिम जनजाति के लोगों की स्थिति गरीबी और धूम्रपानखोरी के कारण काफी दयनीय है।