सारंडा का वक्त बदल गया,

यहाँ की आबो हवा में आमूल चूल परिवर्तन होता दिखलाई पड़ रहा है,और दिखलाई पड़ रहे सन्तोष पांडा जैसे समाज सेवी!

सारंडा का वक्त बदल गया,
सारंडा के बीहड़ों में शिक्षा की अलख

सारंडा के बीहड़ों में जहाँ गोली और बम के धमाको गूंजा करती थी अब यहाँ दूर जंगल से पढ़ते हुये बच्चों की ए बी सी डी स्वर सुनाई देता है,एक वक्त था जब सारंडा के बीहड़ों में मौजूद स्कूल के बोर्ड पर क ख ग घ जैसे शब्द उदृत नही रहते थे ब्लैक बोर्ड पर बंदूक की उकेरी हुई तस्वीर दिखलाई पड़ती थी,अब सारंडा का वक्त बदल गया है! यहाँ की आबो हवा में आमूल चूल परिवर्तन होता दिखलाई पड़ रहा है,और दिखलाई पड़ रहे सन्तोष पांडा जैसे समाज सेवी!

भले ही साल वृक्षों के स्वामी सारंडा में सरकारी स्कूल उतने बेहतर ढंग से न चल रहे हो,लेकिन  नि:शुल्क उन्नतमान इंग्लिश मीडियम स्कूल - शिशु विकास नर्सरी यहॉं शिक्षा के मामले में बड़ा बदलाव लाती हुई स्पष्ट दिख रही है स्कूल दर्शन करने गई तीन महिला मुखिया एवं पंचायत सचिव लिपि मुंडा - मुखिया मेघाहतुबुरू उतरी ग्लोरिया टोपनो -मुखिया मेघाहतुबुरू दक्षिणी 
पार्वती किडो -मुखिया किरीबुरू पश्चिमी ने यहाँ किये जा रहे प्रयासों को देख कर गदगद हो गई,सारंडा के
 कलेईता गांव में सन्तोष पंडा खुले आसमान के नीचे चलने वाली निशुल्क स्कूल में35 बच्चों को पढ़ाते  हैं इसके साथ ऐसा ही नि :शुल्क स्कूल सारंडा की अत्यंत दुर्गम  गांव  "धरनादीरी" 
में है यहाँ 45 बच्चे ने अंग्रेजी माध्यम से नर्सरी,एलकेजी एवं यूकेजी की अच्छी शिक्षा ग्रहण की है,सभी गाँव के लोग सन्तोष पंडा द्वारा की जा रही  पहल से  काफी प्रभावित है l इन स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से  पढ़ाई कराने के साथ-साथ  फ्री यूनिफार्म एवं पठन सामग्री भी  उपलब्ध कराई जाती है l इस कार्य मे ग्रामीणपतरस बीरूली ,मासी मुंडू, उसा मुंडू ,लाको तिडू, श्रीराम ओराम, मानी पूर्ति ज्योतिष लागुरी का प्रयासकाफी सराहनी रहा।