60-40 Niyojan Niti: अंदर ही अंदर सुलग रही है आग, विधायक-सांसद से समर्थन मांगने पहुंच रहे छात्र

झारखंड में खतियान आधारित नियोजन नीति को लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के आंदोलन का पहला फेज शुरू हो चुका है। फिलहाल जनप्रतिनिधियों के द्वार जाकर लिखित समर्थन मांग रहे, अगले महीने जून में 48 घंटे की बंद का आह्वान किया है।

60-40 Niyojan Niti: अंदर ही अंदर सुलग रही है आग, विधायक-सांसद से समर्थन मांगने पहुंच रहे छात्र
विधायक अमित कुमार और सुनिता चौधरी से समर्थन प्राप्त करने यूनियन के छात्र

रांची

झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन (JSSU) का विधायकों-सांसदों से समर्थन प्राप्त करने का सिलसिला जारी है। अबतक आधे दर्जन से अधिक विधायकों से यूनियन ने समर्थन हासिल कर लिया है, जिसमें प्रमुख रूप से लोबिन हेम्ब्रम, सुनिता चौधरी, अमित कुमार शामिल हैं। मालूम हो कि 10 मई से शुरू हुए इस अभियान में 25 मई तक का डेडलाइन यूनियन ने तय किया है कि सभी विधायक व सांसदों से सम्पर्क किया जायेगा और झारखंडी नियोजन नीति के निर्माण के लिए समर्थन मांगा जायेगा। लिखित समर्थन देने में आना कानी करने वाले बहाना बनाने वाले जनप्रतिनिधि विधायक/ सांसदो का विरोध किया जायेगा तथा सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा  जेएसएसयू ने दूसरा चरण में 26 मई से 6 जून तक 10 दिवसीय जन जागरण महा अभियान जिसमें नगाड़ा बजाकर राज्य के समस्त प्रखंडों में सकुवा पत्ता घुमाया जायेगा, तीसरा चरण 9 जून से 11 जून तक 72 घंटे का महा आंदोलन 9 जून को सम्पूर्ण झारखंड के समस्त प्रखंड/ जिला मुख्यालय में विशाल मशाल जुलूस तथा 10 एवम् 11 जून पूरा दो दिन पूरा 48 घंटा सम्पूर्ण झारखंड बंद रहेगा। झारखंड द्वारा 60_40 नियोजन नीति को वापस कर झारखंडी हित में खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने की मांग को लेकर पिछले चार महीनों से लगातार कई डिजिटल और फिजिकल आंदोलन चलाया गया है। पिछले दिनों झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा 72 घंटे का त्रिदिवसीय महाआंदोलन किया था, जिसमें 17 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव, 18 अप्रैल को मशाल जुलुस और 19 अप्रैल 2023 को एक दिवसीय बंद का आह्वान किया था।

नियोजन नीति को लेकर छात्रों का पक्ष

60-40 वाली नियोजन नीति के विरोध में छात्रों का पक्ष है कि भारत देश के जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के झारखंड छोड़कर सभी राज्यों के विज्ञापन में स्थानीय निवासी का जिक्र किया गया है, देश का एकमात्र राज्य झारखंड हैं जहां तृतीय और चतुर्थ वर्गों के नौकरी में भारत का नागरीक के तहत बाहर राज्य के छात्रों को सरकारी आमंत्रण भेजा जा रहा है। यह झारखंडीयों के साथ अन्याय है, अगर 60_40 नियोजन नीति के तहत नियुक्ति होती है तो राज्य 3.50 से 4 लाख विभिन्न  सरकारी विभागों के रिक्त पदों में बाहर राज्य के लोग आयेंगे  तथा झारखंड का सरकारी तंत्र मिनिमम 2058 तक गुलाम हो जायेगा तथा राज्य के सरकारी संपति खनिज संपदा को बेचा जायेगा। आंदोलनरत छात्रों की मांग है कि बिहार का  3 मार्च 1982 वाला नियोजन नीति जिसका पत्रांक संख्या 5014/81- 806 को अंगीकृत कर बिहार के तर्ज़ पर नियोजन नीति लागू  किया जाय तथा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाय, नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाय, जनसंख्या के अनुपात सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाय,  झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाय जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा का अनिवार्यता किया जाय,  राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाय,  मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दिया जाय, उत्तराखंड के तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाय। 

नियोजन नीति के विरोध आंदोलनरत छात्रों पर हुई मुकदमा वापस हो

झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के देवेन्द्र नाथ महतो ने प्रेस जारी कर कहा कि 60_40 हकमार नियोजन नीति को वापस कर झारखंडी हित में खतियान आधारित नियोजन नीति लागू कर तृतीय और चतुर्थ वर्ग में झारखंडीयों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन पिछले चार महीनों से लगातार चरणबद्ध आंदोलनरत है , आंदोलन के दौरान 21 मार्च के शांतिपूर्ण विधान सभा घेराव के दौरान, 72 घंटे त्रिदिवसीय महाआन्दोलन के दौरान 17 अप्रैल के शांतिपूर्ण मुख्यमंत्री आवास घेराव  और 19 अप्रैल के सम्पूर्ण झारखंड बंद के दौरान झारखंड के विभिन्न थानों में आंदोलन को कमजोर करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा दमनकारी नीति अपनाते हुए निर्दोष छात्रों पर फर्जी मुकदमा दायर किया है जो लोकतांत्रिक देश के लिए दुर्भाग्य है। आंदोलनरत निर्दोष छात्रों पर प्राथमिक दर्ज से आक्रोशित छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने  सरकार से  मांग किया है कि आंदोलन के दौरान सम्पूर्ण झारखंड में जितने भी प्राथमिक दर्ज किए गए है उसे सरकार तत्काल वापस ले , निर्दोष आंदोलनकारी छात्रों पर फर्जी प्राथमिकता दर्ज कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास करना लोकतंत्र की हत्या है।