चाकुलिया : विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ी मादा हाथी, चाकुलिया हवाई पट्टी क्षेत्र के खेत में मिली मृत

झारखंड में वन्य जीव संरक्षण केवल कागजों पर ही दिख रहा है। वन्य जीव संरक्षण के लिए बड़े-बड़े दावे एवं कार्य योजनाऐं बनाने वाले विभाग की कलई तब खुल गई।

चाकुलिया : विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ी मादा हाथी, चाकुलिया हवाई पट्टी क्षेत्र के खेत में मिली मृत
मृत मादा हाथी

Jamshedpur : झारखंड में वन्य जीव संरक्षण केवल कागजों पर ही दिख रहा है। वन्य जीव संरक्षण के लिए बड़े-बड़े दावे एवं कार्य योजनाऐं बनाने वाले विभाग की कलई तब खुल गई। जब दो दिन पूर्व घायल मादा हाथी की मंगलवार की रात मौत हो गई। बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने जब खेत में मृत हथिनी को दिखा तो यह मामला पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गया। सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी आए। लेकिन सभी ने अफसोस जताने के सिवाय आगे से इस तरह की घटना नहीं हो इस पर चिंतन मनन नहीं किया। कुछ वन्य जीव को लोग श्रद्धा एवं भक्ति की निगाह से देखते हैं। उसी में हाथी भी शामिल है। मादा हाथी के मरने की जानकारी मिलने के बाद प्रकृति पूजक ग्रामीणों में उसके प्रति श्रद्धा एवं भक्ति भाव उमड़ आया। भक्ति स्वरूप लोगों ने मृत मादा हाथी की पूजा शुरू कर दी। ग्रामीणों ने इस घटना के लिए वन्य विभाग एवं विद्युत विभाग को जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों का कहना है कि मादा हाथी 30 अक्टूबर को विद्युत धारा प्रवाहित तार की चपेट में आकर जख्मी हो गया थी। इसकी जानकारी वन्य विभाग को तथा बिजली विभाग को दी गई। लेकिन दोनों विभागों के द्वारा घायल मादा हाथी के संबंध में किसी तरह का त्वरित कदम नहीं उठाया गया। जिसके कारण अंततः मादा हाथी ने चाकुलिया हवाई पट्टी क्षेत्र के एक खेत में दम तोड़ दिया।  इससे पहले घायल होने के बाद मादा हाथी क्षेत्र में यत्र तत्र विचरण करता रहा। ग्रामीणों ने मादा हाथी को घायल अवस्था में गांव से सटे एक तालाब के पास देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। इसके बाद वन विभाग की टीम ने मादा हाथी की काफी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली.  इस घटना के बाद प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि मादा हाथी बिजली के तार की चपेट में आकर घायल हो गई थी। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार मादा हाथी का पोस्टमार्टम कर कर उसे दफना दिया जाएगा।