हेमंत सोरेन लीज प्रकरण: ED और राज्य सरकार को 1 मई तक जवाब दाखिल करने होंगे

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने के मामले में हाईकोर्ट ने 1 मई तक ईडी(ED) और राज्य सरकार समेत सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सोमवार को इस मामले की हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई।

हेमंत सोरेन लीज प्रकरण: ED और राज्य सरकार को 1 मई तक जवाब दाखिल करने होंगे


रांची,


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने के मामले में हाईकोर्ट ने 1 मई तक ईडी(ED) और राज्य सरकार समेत सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सोमवार को इस मामले की हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने जनहित याचिका के मेंटेबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसी तरह के एक अन्य मामले में शिव शंकर एंव अन्य की जनहित याचिका पर सीएम हेमंत सोरेन व अन्य के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट के खंडपीठ के आदेश को पूर्व में सुप्रीम कोर्ट निरस्त कर चुकी है। इस याचिका पर फिर से उसी बात को उठाना उचित नहीं है, लेकिन खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की दलील पर विचार करने के बाद राज्य सरकार, ईडी एंव अन्य को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने खान विभाग के मंत्री पद पर रहते हुए संवैधानिक पद का दुरूपयोग किय है। उन्होंने स्वंय के लिए माइनिंग लीज ली और उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन एंव साली सरला मूर्मु के फर्म को भी माइनिंग लीज आवंटित किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह व विशाल कुमार ने बहस की। 

क्या है जनहित याचिका में

आरटीआई कार्यकर्ता व हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री और खनन मंत्री रहते हुए खुद और अपनों को माईनिंग लीज आवंटित किये। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया कि शिकायत की सभी बिंदुओँ पर संबंधित प्राधिकार को कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन प्राधिकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। अंततः उन्हें कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से मामले लाये गये हैं।