प्रमंडलीय रोजगार मेले में 10,020 अभ्यार्थी को सीएम ने सौंपा ऑफर लेटर, सहायक पुलिस को मिलेगा 2 वर्ष का अवधि विस्तार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा के टाटा कॉलेज ग्राउंड में 10,020 युवाओं को ऑफर लेटर दिया। 75 प्रतिशत स्थानीय को नियोजन देने वाले कानून बनने के बाद यह पहली नियुक्ति होगी।

प्रमंडलीय रोजगार मेले में 10,020 अभ्यार्थी को सीएम ने सौंपा ऑफर लेटर, सहायक पुलिस को मिलेगा 2 वर्ष का अवधि विस्तार


चाईबासा, झारखंड

राज्य के सहायक पुलिस कर्मियों को दो वर्ष का अवधि विस्तार मिलेगा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज चाईबासा में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित करने के क्रम में यह घोषणा की । मुख्यमंत्री ने कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित है और इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ की आबादी की सेवा करने का सरकार ने संकल्प ले रखा है। इस दिशा में काफी कम समय में हमने कई ऐसे निर्णय लिए हैं , जो राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं । जन कल्याण से जुड़ी योजनाएं अब धरातल पर उतर रही  है और उसका असर भी दिख रहा है।

सरकारी हो या निजी क्षेत्र, आपके लिए कई मौके 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो निजी क्षेत्र में भी यहां के आदिवासियों -मूल वासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नियम बनाए हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कार्यरत निजी संस्थानों और कंपनियों में 40 हज़ार रुपए प्रति माह तक की नौकरियों में यहां के आदिवासियों -मूल वासियों को 75 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा। यह कानून बनने के बाद आज पहली बार कोल्हान की धरती से एक साथ 10,020 (दस हज़ार बीस) युवाओं को ऑफर लेटर  मिलना राज्य के लिए मील का पत्थर है। मुझे यह जानकर भी बहुत खुशी हुई कि इसमें लगभग 9500 आदिवासी- मूलवासी हैं और  इनमें 80 प्रतिशत आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के युवा हैं। यह सिलसिला आगे भी चलेगा और बड़े पैमाने पर यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएंगे ।

चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं । इस कड़ी में पढ़े लिखे एवं  कम पढ़े- लिखे तथा निरक्षर लोगों  के लिए रोजगार की कई योजनाएं चल रही हैं। वहीं,  जो स्वरोजगार के इच्छुक हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आर्थिक मदद कर रहे हैं। 

आदिवासी बहुल राज्य होने के बाद भी आदिवासी होते रहे दरकिनार 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है । लेकिन, अलग राज्य बनने के 20 वर्षों तक  आदिवासियों के हितों को दरकिनार किया जाता रहा । जब हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों को विकास से जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरू की। आदिवासी कला- संस्कृति और परंपरा को अलग पहचान मिले, इसलिए आदिवासी महोत्सव का भव्यआयोजन शुरू किया गया। उन्होंने आदिवासियों से कहा कि वे एकजुट हो और अपनी ताकत दिखाएं, तभी वे मजबूत बनेंगे और आगे बढ़ेंगे।