ओलचिकी का मामला पहुंचा विधानसभा, JMM विधायक ने सदन में कहा देवनागरी और रोमन लिपि से लिखी जाये किताब

ओलचिकि का मामला अब विधानसभा पहुंच चुका है। सदन में आज JMM विधायक ने इससे जुड़े सवाल ध्यानाकर्षण में उठाये।

ओलचिकी का मामला पहुंचा विधानसभा, JMM विधायक ने सदन में कहा देवनागरी और रोमन लिपि से लिखी जाये किताब


रांची

झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में ओलचिकी (संथाली लिपि) को लेकर संथाल समुदाय दो हिस्सों में बंटा नजर आ रहा है। संथाल परगना के कुछ इलाकों में इसके विरोध में बैठकें और जुलुस भी निकाले गये, पर अब यह मामला विधानसभा तक पहुंच चुका है। लिट्टीपाड़ा से झारखँड मुक्ति मोर्चा के विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने आज ध्यानाकर्षण के जरिये सरकार से मांग की है कि पहले वर्ग से ही संथाली भाषा की पढ़ाई शुरू की जाये। इतना ही नहीं अन्य विषयों की पुस्तकें भी संथाली में अनुवाद कर बच्चों को उपलब्ध कराये जाये, लेकिन वो पुस्तकें ओलचिकी में ना हो। इसके लिए देवनागरी अथवा रोमन लिपि का उपयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में ओलचिकि को जानने वाले की संख्या बेहद कम है, ऐसे में संथाली बच्चों को पढ़ाई में दिक्कतें आयेगी। 

लोबिन ने सुरक्षा मांगे

जेएमएम के बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में अपनी जान के खतरे का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि वह शुरू से जल जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके जान पर खतरा है। यहां स्थिति ऐसी हो गयी है कि लोगों को घर में घुसकर गोली मार दी जा रही है। इसलिए आग्रह है कि 15 दिनों में सुरक्षा दी जाये। अगर 15 दिन में सुरक्षा नहीं मिली तो वो केंद्र के पास जाने को मजबूर होंगे। श्री हेम्ब्रम इससे पहले भी DGP और केन्द्र को पत्र लिख चुके हैं।