झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कलमबंद हड़ताल पर जाएंगे।

झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की रविवार को बैठक संपन्न हुई। बैठक में आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है।

झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कलमबंद हड़ताल पर जाएंगे।

रांची

पूर्व निर्धारित तिथि कार्यक्रम के अनुसार रविवार को झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा संघ की केंद्रीय इकाई की बैठक झासा की अध्यक्ष रंजिता हेंब्रम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वप्रथम पिछली बैठक में उठाए गए सभी बिंदुओं पर सर्वसम्मति व्यक्त की गई। ज्ञात हो कि आज की बैठक के पूर्व झारखंड राज्य के सभी 24 जिलों से जिला इकाई की बैठक आहूत कराकर उनकी सहमति ली गई थी एवं उनकी बैठक की कार्यवाही भी मंगाई गई थी। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आज की कार्यकारिणी की बैठक में सभी जिला इकाई की सहमति प्राप्त है। बैठक में एक बार पुनः अपनी 15 सूत्री मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई।

संघ की मांगें

संघ की मांग है कि झारखंड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित करना, विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित करना, प्रोन्नत पदाधिकारियों को नए पदों पर पदस्थापित करने के बजाए पदों को उत्क्रमित करने की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाना, नवनियुक्त एवं पदस्थापन की प्रतीक्षा में बैठे पदाधिकारियों का अविलंब पदस्थापन करना, चाइल्ड केयर लीव की सुविधा, चिकित्सा भत्ता के स्थान पर स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था लागू करना, झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के कार्यालय हेतु रांची में 3 एकड़ भूमि उपलब्ध कराया जाना, रेवेन्यू प्रोटेक्शन प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाना, एलटीसी की व्यवस्था करना, एमएसीपी का लाभ दिया जाना, सभी पदाधिकारियों के लिए कार्मिक विभाग से पहचान पत्र निर्गत किया जाना और उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु सवैतनिक अवकाश की स्वीकृति प्रदान करना शामिल है। सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई तथा अब तक सरकार द्वारा की गई कार्यवाही पर भी विस्तृत चर्चा की गई। सरकार द्वारा उठाए गए कदम से असंतोष व्यक्त करते हुए संघ ने अपनी मांगों को प्राप्त करने के लिए एक चरणबद्ध कार्यक्रम की रणनीति तैयार की है।

आंदोलन की रूपरेखा 

26 जुलाई को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिलकर उन्हें ज्ञापन देगा जिसमें सभी जिलों से पदाधिकारी रहेंगे।  ज्ञापन में मुख्य सचिव को आगे की रणनीति भी बताइ जाएगी l जिसमें 10 और 11 अगस्त को झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा के सभी सदस्य काला बिल्ला लगाकर काम करने संबंधी रणनीति शामिल है। इसके बाद भी अगर सरकार के द्वारा हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया जाता है तो आगे आंदोलन की गति और बढ़ाई जाएगी l आगे की पूरी रणनीति पर कार्यकारिणी के सदस्यों ने चर्चा कर ली है, जिस पर सदस्यों की सर्वसम्मति भी प्राप्त है। आगे की रणनीति के बारे में 26 जुलाई के मुख्य सचिव से वार्ता के बाद खुलासा किया जाएगा।