सुप्रीम कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी हेमंत सोरेन की याचिका खारिज की, ED के समन को दी थी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने ED के जारी समन व अधिकार को चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी हेमंत सोरेन की याचिका खारिज की, ED के समन को दी थी चुनौती

रांची

ED के समन के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल क्रिमिनल रिट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हाईब्रिड मोड में मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि समन का समय बीत चुका है, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप किसी मामले में आरोपी नहीं है, तो आपके खिलाफ समन जारी नहीं किया जा सकता। वंही ईडी की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल ऑफ इंडिया एसवी राजू ने कहा कि इस केस को निरस्त कर देना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट समन के मामले पर निर्णय ले चुकी है। सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सीएम ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है, वे किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए हैं ऐसे में अब समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं हैं. इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है। बता दें कि ईडी के समन के खिलाफ 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा। 

ED के अधिकार को दी थी चुनौती

ईडी के समन को लेकर सीएम सोरेन ने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीएम की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि ईडी को समन के आधार पर उनपर कार्रवाई और आगे कोई समन जारी करने से रोका जाये। सीएम ने ईडी पर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश करने व PMLA 2002 की धारा 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी थी। PMLA एक्ट के की धारा 50 के तहत जांच के दौरान एजेंसी को दिये गये बयान को कोर्ट में मान्यता है, वंही धारा 63 के तहत बयान दर्ज करने के दौरान किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार ईडी के पास है। 

ED भेज चुकी है 5 बार समन

सीएम हेमंत सोरेन को ईडी पांच बार समन भेज चुकी है। पहला समन 8 अगस्त को जारी हुआ था, जिसमें उन्हें 14 अगस्त को उन्हें ईडी दफ्तर बुलाया गया था। इसके बाद दूसरी बार ईडी की तरफ से 19 अगस्त को समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था। 1 सितंबर को तीसरी बार समन भेजा कर 9 सितंबर को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए फिर बुलाया गया। चौथी बार 17 सितंबर को समन भेजा और इसमें उन्होंने सीएम हेमंत को 23 सितंबर को ईडी दफ्तर में उपस्थित होने को कहा था। ईडी ने पांचवीं बार 26 सितंबर को उन्हें समन भेजा और 4 अक्टूबर की तिथि को उन्हें मामले में पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया था लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। हर बार सीएमओ के विशेष दूत के जरिये पत्र भिजवाकर मामले की सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट में सुनवाई की बात कहते रहे हैं।