नेशनल लोक अदालत में रिकार्ड 7689 वादों का हुआ निष्पादन,  7.21 करोड़ रूपये राजस्व हुई प्राप्ति 

जमशेदपुर सिविल कोर्ट में शनिवार को इस वर्ष का दूसरा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 7689=मामलों का निष्पादन किया गया. इस दौरान 72099910  रूपये की राजस्व की प्राप्ति हुई।

नेशनल लोक अदालत में रिकार्ड 7689 वादों का हुआ निष्पादन,  7.21 करोड़ रूपये राजस्व हुई प्राप्ति 

नेशनल लोक अदालत में रिकार्ड 7689 वादों का हुआ निष्पादन,  7.21 करोड़ रूपये राजस्व हुई प्राप्ति 
जमशेदपुर । जमशेदपुर सिविल कोर्ट में शनिवार को इस वर्ष का दूसरा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 7689=मामलों का निष्पादन किया गया. इस दौरान 72099910  रूपये की राजस्व की प्राप्ति हुई।

 इससे पहले  नेशनल लोक अदालत का उदघाटन व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर के लोक अदालत हॉल में विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा, विशिष्ठ अतिथियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अमितेश लाल, स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल,जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तापस मित्रा,  डालसा के सचिव नितीश निलेश सांगा आदि मौजूद थे.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेशनल लोक अदालत मामलों के निष्पादन का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। मामले का त्वरित समाधान पाकर समय और पैसा दोनों की बचत कर सकते हैं.वहीं स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि आज अदालतों में मुकदमों का इतना बोझ बढ़ गया है कि लोगों को त्वरित न्याय में विलंब हो रहा है। ऐसे में लोक अदालत समझौता के माध्यम से न्याय प्रदान करने का एक बेहतर मंच है।
उन्होंने कहा कि नालसा, झालसा और डालसा समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने में काफी मददगार साबित हुई है.


जमशेदपुर सिविल कोर्ट में 14 एवं घाटशिला में 3 बेंच मे हुई सुनवाई
नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन के लिए कुल 17 बेंच का गठन किया गया है. जिसमें जमशेदपुर सिविल कोर्ट में 14 तथा घाटशिला अनुमंडल न्यायालय में 3 बेंच में मामलों की सुनवाई हुई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव नीतीश निलेश सांगा ने बताया कि सुलह योग्य सभी प्रकृति के मामलों का नेशनल लोक अदालत में निपटारा किया गया. जिसमें मुख्य रूप से वन अधिनियम, बिजली अधिनियम, मापतौल अधिनियम, उत्पाद अधिनियम, बैंक ऋण, चेक बाउंस, श्रम अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, मोटरयान दुर्घटना मुआवजा, भूमि अधिग्रहण से संबंधित वाद, खान अधिनियम, पारिवारिक वाद, सुलह योग्य आपराधिक और दीवानी मामले आदि के केस शामिल है. नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में कोर्ट स्टाप सहित पैनल लॉयर्स एवं पीएलवी की सार्थक भूमिका रही.